
हा प्रवास ऑक्टोबर २००७ मधला आणि लिखाणही तेव्हाचंच. २००७ च्या मायबोली दिवाळी अंकात हा लेख होता.
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"किती वळणं, आणि रस्त्याला एक पाटी नाही. काय तुमच्या रत्नागिरी जिल्ह्यातले रस्ते रे!"
मी वैतागून...